रानिल विक्रमसिंघे आर्थिक तौर पर दिवालिया हो चुके श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बन गए हैं। उन्हें 134 वोट मिले। राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जाने वाले दुलस अल्हाप्परुमा को 82 वोट मिले पार्लियामेंट में 44 साल बाद सीक्रेट वोटिंग हुई। यानी 1978 के बाद पहली बार देश में जनादेश के माध्यम से नहीं, बल्कि राष्ट्रपति का चुनाव सांसदों के सीक्रेट वोट के माध्यम से हुआ।
73 साल के रानिल 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 225 सदस्यीय श्रीलंकाई संसद में विक्रमसिंघे को 134, जबकि उनके खिलाफ खड़े दुलस अल्हाप्परूमा को 82 वोट हासिल हुए। तीसरे कैंडिडेट अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ 3 वोट मिले। विक्रमसिंघे का पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का बचा हुआ टेन्योर पूरा करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो रानिल नवंबर 2024 तक राष्ट्रपति रहेंगे।
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति को जानिए
1. 73 साल के रानिल 6 बार प्रधानमंत्री रहे। राजपक्षे की पार्टी SLPP के सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में पूरी तरह समर्थन किया।
2. श्रीलंका में प्रदर्शन कर रहे लोग इन्हें राजपक्षे का साथी मानते हैं। माना जा रहा है कि रानिल प्रदर्शनकारियों पर सख्ती दिखाएंगे।
3. रानिल ने एक्टिंग प्रेसिडेंट के तौर पर श्रीलंका में इमरजेंसी लगाई। पुलिस और सुरक्षा बलों को इन्हें हटाने के अधिकार दिए। उन्होंने यह कदम प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन में घुसने के बाद उठाया था।
4. राष्ट्रपति चुनाव से पहले विपक्ष ने कहा था कि रानिल की प्रदर्शनकारियों पर सख्ती उन सांसदों के लिए अच्छी साबित हो रही है, जो जनता का गुस्सा झेल रहे हैं।
5. रानिल से चुनाव हारने वाले दुल्लास अल्हाप्परुमा पूर्व शिक्षा मंत्री थे। वे जर्नलिस्ट भी रह चुके हैं, जिन्हें विपक्ष का भरपूर समर्थन था।