अब अगर प्राइवेट अस्पतालों ने कोविड मरीजों के साथ मौके का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की सोची तो उनका लाइसेंस कैंसिल हो सकता है। प्रदेश के संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़ ने इस संबंध में सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। मंगलवार को जारी निर्देश के मुताबिक निर्धारित शुल्क से अधिक रुपए लेने की शिकायत मिलने पर अस्पताल के खिलाफ एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897,छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट1949तथा छत्तीसगढ़़ एपिडेमिक डिसीज कोविड 19 रेगुलेशन एक्ट 2020 के तहत कार्रवाई होगी।
तीन कैटेगरी में बंटे हैं अस्पताल
राज्य शासन की तरफ से 5 सितंबर को आदेश जारी कर निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए दर तय कर दी गइ है। ए-श्रेणी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा और रायगढ़ जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बी-श्रेणी में सरगुजा, महासमुंद, धमतरी, कांकेर, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा, कबीरधाम एवं बस्तर जिले के अस्पतालों को रखा गया है। बचे हुए जिलों के अस्पताल सी-श्रेणी में शामिल हैं।