देश के फॉरेन एक्सचेंज (फॉरेक्स) रिजर्व में 9.46 अरब डॉलर की गिरावट आई है। 11 मार्च को समाप्त हफ्ते में यह कमी हुई है। दो सालों में यह सबसे ज्यादा कमी देखी गई है।
रिजर्व बैंक ने जारी किया आंकड़ा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के मुताबिक, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसने बड़े पैमाने पर डॉलर की बिक्री की है। दरअसल, डॉलर की तुलना में रुपए में काफी गिरावट आ रही थी। यह 7 मार्च को 77.02 रुपए तक चला गया था। यह ऐतिहासिक रूप से इसका निचला स्तर था। इसके बाद इसे रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने बाजार में डॉलर की बिकवाली की।
विदेशी मुद्रा सबसे बड़ा हिस्सा
RBI के साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा का असेट्स फॉरेक्स रिजर्व में सबसे बड़ा हिस्सा है। यह 20 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते में 11.10 अरब डॉलर कम होकर 554.35 अरब डॉलर रह गया। बाजार के जानकारों के मुताबिक, रिजर्व बैंक डॉलर की बिक्री कर करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करता है। अनुमान है कि इसने इस हफ्ते में एक दिन में एक अरब डॉलर की बिक्री की है।
दो सालों की सबसे बड़ी गिरावट
फॉरेक्स रिजर्व में आई गिरावट पिछले दो सालों की सबसे बड़ी रही। इसने 3 सितंबर 2021 को 642.45 अरब डॉलर का लेवल टच किया था, जो अब तक का रिकॉर्ड रहा है। हालांकि फॉरेक्स रिजर्व में सोने की वैल्यू जरूर बढ़ी है क्योंकि इसकी कीमतों में तेजी आई है। इसकी वैल्यू 1.5 अरब डॉलर बढ़कर 43.83 अरब डॉलर हो गई है।