आंदोलन के दौरान किसान की मौत के बाद अब उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।आंदोलनकारी, किसान का शव NRDA भवन के सामने रखकर श्रद्धांजलि देना चाहते थे। मगर प्रशासन ने शव को कहीं ले जाने से इन्कार कर दिया। तनाव को देखते हुए मृतक किसान के गांव बरौदा में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। इधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी फोन पर मृतक किसान के बेटे से बात की है।
नवा रायपुर में पिछले 69 दिन से चले रहे आंदोलन के दौरान शुक्रवार को मंत्रालय तक का मार्च आयोजित था। प्रशासन ने किसानों को बीच रास्ते ही रोक लिया। इसी दौरान बरौदा गांव के 66 वर्षीय किसान सियाराम पटेल बेहोश होकर गिर पड़े। वहीं मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उसके बाद से हंगामा मचा हुआ है। शनिवार सुबह 7 बजे शव का पोस्टमार्टम किया गया।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर का कहना था, किसान सियाराम पटेल अपने हक के लिए लड़ते हुए शहीद हुए हैं। उनकी शहादत को सम्मान देने के लिए हम लोग आंदोलन स्थल NRDA भवन के सामने शव रखकर श्रद्धांजलि देना चाहते थे। प्रशासन ने हमें शव सौंपने से इन्कार कर दिया। ऐसे में सभी लोगाें को श्रद्धांजलि के लिए गांव में ही बुलाया गया। दाेपहर बाद किसान के शव को शहादत के नारों के साथ मिट्टी दी गई। इस दौरान वहां पर आसपास के गांवों के हजारो लोग पहुंचे हुए थे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने वहां भारी पुलिस बल की व्यवस्था की है। पुलिस अभी भी गांव के भीतर और बाहर कई इलाकों में तैनात है।