रूस के खिलाफ लड़ाई में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इंटरनेशनल फोर्सेज से सहयोग मांगा है। इसमें मध्य पूर्व का देश इजराइल भी शामिल है। प्रेसिडेंट जेलेंस्की के यहूदी होने के चलते, यूक्रेन के लोग इजराइल से एक तरह का जुड़ाव भी महसूस करते हैं।
लेकिन दुनियाभर में यहूदियों की हिमायत का दम भरनेवाले इजराइल ने यूक्रेन में अब तक किसी तरह का सैन्य सहयोग नहीं किया है। यहां तक कि जेलेंस्की अब तक पांच बार इजराइली पीएम नेफ्ताली बेनेट से बात कर चुके हैं।
इजराइल अपनी सैन्य तकनीक और ताकत के लिए चर्चित है लेकिन यूक्रेन समेत दुनियाभर के देश हैरान हैं कि इजराइल के पीएम नेफ्ताली बेनेट अपनी जुबान पर रूस का नाम भी नहीं ला पा रहे हैं।
यूक्रेन- रूस युद्ध में इजराइल के रोल को समझने के लिए हमने इजराइली सेना में पूर्व सर्जेंट, मध्य पूर्व मामलों के एक्सपर्ट और अमेरिका की नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी में पीएचडी कर रहे योनी मिकानी से बात की। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश…
यूक्रेन युद्ध में इजराइल का क्या रोल हो सकता है?
जहां तक इजराइल का सवाल है, वह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का एक सहयोगी सदस्य है। इजराइल ने रूस की आक्रामकता की आलोचना की है और यूक्रेन के लिए हर संभव मानवीय मदद भेज रहा है।
यूक्रेन के लोग इजराइल से मदद मांग रहे हैं, इसे लेकर इजराइल में क्या चल रहा है?
यूक्रेन के लोगों ने इजराइल के लोगों से मदद मांगी है। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए जा रहे हैं। हम देख रहे हैं कि इजराइल के लोग हर संभव मानवीय मदद भेजने के लिए तैयार हैं। पूरे इजराइल में यूक्रेन के समर्थन में मार्च निकाले गए हैं। इजराइल मानवीय मदद भी दे रहा है।
हालांकि हम देख रहे हैं कि एक तरह का डर भी है कि अगर इजराइल यूक्रेन में बहुत अधिक दखल देगा तो उसे अपनी उत्तरी सीमा पर इसके नतीजे भी देखने पड़ सकते हैं। रूस सीरिया में आने वाले हथियारों के फ्लो को कंट्रोल करता है। अगर इजराइल यूक्रेन में बहुत अधिक एक्टिव होता है तो रूस उसकी सीरिया से लगी उत्तरी सीमा पर हालात अस्थिर कर सकता है।