कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर फाइजर और मॉडर्ना जैसी वैक्सीन्स मैसेंजर-RNA यानी mRNA टेक्नोलॉजी से विकसित की गई हैं। वैज्ञानिक अब इसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एड्स, कैंसर और जीका वायरस जैसी बीमारियों को खत्म करना चाहते हैं। उनकी मानें, तो mRNA से बनी वैक्सीन्स इन घातक बीमारियों पर असरदार साबित हो सकती हैं।
क्या होती है mRNA टेक्नोलॉजी?
mRNA टेक्नोलॉजी से हमारे सेल्स (कोशिकाओं) में प्रोटीन बनता है। यह जेनेटिक कोड का एक छोटा सा हिस्सा होता है। सरल भाषा में, जब हमारे शरीर पर कोई भी वायरस या बैक्टीरिया अटैक करता है, तब ये टेक्नोलॉजी हमारे सेल्स को एक मैसेज भेजती है। इससे उस वायरस या बैक्टीरिया के प्रोटीन जैसा ही प्रोटीन हमारे शरीर में प्रोड्यूस होता है। फिर इसके खिलाफ हमारे इम्यून सिस्टम में जरूरी एंटीबॉडीज बन जाती हैं।
एक बार फॉर्मूला समझ आ जाए, तो इस टेक्नोलॉजी से वैक्सीन जल्दी और आसानी से बन जाती है। इसके साथ ही इससे शरीर की इम्युनिटी भी मजबूत होती है। कोरोना के खिलाफ बनाई गई वैक्सीन्स दुनिया की पहली mRNA बेस्ड वैक्सीन्स हैं।