निकारागुआ ने खत्‍म की ताइवान की मान्‍यता

निकारागुआ ने खत्‍म की ताइवान की मान्‍यता

चीन ने अमेरिका को उसके ‘घर’ में ही बड़ा झटका दिया है। अमेरिका के प्रभाव का क्षेत्र कहे जाने वाले लैटिन अमेरिकी देश निकारागुआ ने ‘एक चीन’ की नीति को मान लिया है और ताइवान की राजनयिक मान्‍यता को खत्‍म कर दिया है। निकारागुआ ने गुरुवार को चीन के समर्थन में ताइवान से संबंध तोड़ने का ऐलान किया। निकारागुआ के विदेश मंत्री डेनिस मोनकाडा ने कहा कि चीन के हितों का प्रतिनिध‍ित्‍व करने वाली एक ‘वैधानिक सरकार’ है।

मोनकाडा ने कहा, ‘पीपुल्‍स रिपब्लिक ऑफ चाइना पूरे चीन का प्रतिनिधित्‍व करने वाली एकमात्र वैधानिक सरकार है और ताइवान चीन के क्षेत्र का अलग नहीं किए जाने वाला हिस्‍सा है।’ चीन की सरकारी मीडिया ने भी इस खबर की पुष्टि की है लेकिन बहुत ज्‍यादा विवरण नहीं दिया है। चीन का दावा है कि ताइवान उसका हिस्‍सा है और अगर जरूरत पड़ेगी तो वह ताकत के बल पर उस पर कब्‍जा करेगा।

ताइवान और निकारागुआ के बीच अस्थिर रिश्‍ते
चीन पिछले कई दशकों से ताइवान के साथ राजनयिक रिश्‍ता रखने वाले देशों को अपने पाले में लाने के लिए काफी मशक्‍कत कर रहा है। इससे पहले चीन पनामा, अल सल्‍वाडोर और डोमिनिकल रिपब्लिकन को अपने पाले में ला चुका है। इससे पहले ताइवान और निकारागुआ के बीच स्‍वास्‍थ्‍य और कृषि के क्षेत्र में अस्थिर रिश्‍ते रहे हैं। साल 2007 में निकारागुआ के राष्‍ट्रपति डेनिअल ओर्टेगा के सत्‍ता में वापसी के बाद उन्‍होंने चीन और ताइवान दोनों के साथ संबंध स्‍थापित किए थे।

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