ओमिक्रॉन पर मौजूदा वैक्सीनों को लेकर क्यों डरी दुनिया?

ओमिक्रॉन पर मौजूदा वैक्सीनों को लेकर क्यों डरी दुनिया?

कोविड-19 वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के तेजी से म्यूटेशन की क्षमता ने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है। इस नए वैरिएंट को कुछ महीनों पहले पूरी दुनिया में तबाही मचा चुके डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है, क्योंकि ओमिक्रॉन में अब तक 50 म्यूटेशन हो चुके हैं।

ओमिक्रॉन के बहुत तेजी से म्यूटेशन की क्षमता की वजह से यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या मौजूदा कोरोना वैक्सीन इस नए वैरिएंट पर असरदार होंगी? इस बीच ब्रिटिश कंपनी मॉडर्ना (Moderna) ने कहा है कि मौजूदा वैक्सीन के ओमिक्रॉन के खिलाफ कम प्रभावी रहने की आशंका है।

आइए जानते हैं ओमिक्रॉन पर क्यों बेअसर हो सकती हैं मौजूदा वैक्सीन? इसके लिए अलग वैक्सीन की जरूरत क्यों है? mRNA वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना का आखिर क्या कहना है?

ओमिक्रॉन पर क्यों बेअसर हो सकती हैं मौजूदा वैक्सीन?

ओमिक्रॉन को अब तक का सबसे तेज म्यूटेशन वाला वायरस कहा जा रहा है। WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है। इसके स्पाइक प्रोटीन में ही 30 म्यूटेशन हो चुके हैं। दरअसल, स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस इंसान की कोशिकाओं में घुसने के रास्ते को खोलता है। वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ ही एंटीबॉडी तैयार करके शरीर को इसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करती है।

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