दालचीनी और बेरी से बनी दवा से दर्द व संक्रमण दूर किया जा सकेगा। वैज्ञानिक दवा का ट्रायल कर रहे हैं। यह ट्रायल सिस्टाइटिस नाम की बीमारी के लिए किया जा रहा है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा महिलाएं जूझती हैं।
वैज्ञानिकों का मानना है, नई दवा से संक्रमण के लिए जिम्मेदार ई-कोली और दूसरे बैक्टीरिया को इंफेक्शन फैलाने से रोका जा सकेगा।
दवा क्या है और कैसे काम करती है, पहले इसे समझें
दवा को दालचीनी, बेरी और हेल्दी बैक्टीरिया के साथ मिलाकर तैयार किया गया है। आसान भाषा में समझें तो बैक्टीरिया के शरीर पर पी-फिम्ब्री नाम की संरचना पाई जाती है। इसी की मदद से बैक्टीरिया इंसान की यूरिनरी ट्रैक्ट की दीवार पर अपनी पकड़ मजबूत बनाता है। नतीजा, यह धीरे-धीरे संक्रमण को बढ़ाता है।
नई दवा इसी पी-फिम्ब्री संरचना को टार्गेट करती है और बैक्टीरिया अपना संक्रमण नहीं फैला पाता। दालचीनी में मौजूद ट्रांस-सिमेल्डिहाइड और बेरी में मौजूद रसायनिक तत्व बैक्टीरिया को यूरिनरी ट्रैक्ट में टिकना मुश्किल कर देते हैं। इस तरह संक्रमण को बढ़ने से रोक लिया जाता है।
वहीं, दवा में मौजूद शरीर को फायदा पहुंचाने वाला बैक्टीरिया ब्लैडर वॉल की इम्यून कोशिकाओं की रक्षा करने का काम करता है।