कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी हमले बढ़े हैं। आतंकियों के निशाने पर चुनिंदा आम लोग हैं। गुरुवार को श्रीनगर में दो टीचर्स के कत्ल को इसी नजरिए से देखा जा सकता है। भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान की एजेंसियां कश्मीर घाटी के आम युवाओं का इस्तेमाल करके लोगों के कत्ल करा रही हैं। ये युवा वारदात को अंजाम देने के बाद अपने रोजमर्रा के काम में लग जाते हैं, इसलिए कई बार ये सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बच जाते हैं। इन आतंकियों को ‘हाईब्रिड टेरेरिस्ट्स’ कहा जा रहा है।
अमन में खलल की साजिश
न्यूज एजेंसी से बातचीत में एक अफसर ने कहा- यह जम्मू और कश्मीर में शांति खत्म करने की पाकिस्तानी साजिश है। इसके लिए हाईब्रिड टेरेरिस्ट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तरह के हमलों में जो लोग या युवा शामिल हैं, वो आम लोगों की तरह जॉब्स या कोई दूसरा रोजगार करते हैं। हमले के लिए छोटे हथियारों का इस्तेमाल किया जाता है। वारदात को अंजाम देने के बाद ये लोग पहले की तरह अपने रोजमर्रा के काम में लग जाते हैं।
इस अफसर के मुताबिक, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस तरह के हमला करने वाले लोगों के बारे में पुख्ता जानकारी हाथ लग चुकी है, इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जा रही है।