जर्मनी में रविवार को हुए संसदीय चुनाव में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (SPD) सबसे बड़ा दल बनकर सामने आया है। यह वामपंथी दल है। SPD को 25.7% वोट मिले हैं। इसके बाद 24.1% वोट शेयर के साथ दूसरे नंबर पर CDU/CSU पार्टी रही है। तीसरे नंबर पर 14.8% वोट के साथ ग्रीन पार्टी रही है। हालांकि, अभी चांसलर का चुनाव करने में कुछ वक्त लग सकता है। नतीजे सामने आने के बाद SPD ने इसे एंजेला मर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) पार्टी पर बड़ी जीत बताया है। 16 साल तक जर्मनी की सत्ता में रहीं चांसलर एंजेला मर्केल की विदाई हो रही है। मर्केल ने चुनाव के पहले ही साफ कर दिया कि वो इस बार चांसलर की रेस में नहीं हैं।
कैसे चुना जाता है चांसलर
हमारे देश की तरह जर्मनी में भी लोकतंत्र और संसदीय व्यवस्था है, लेकिन चांसलर चुनने का तरीका अलग है। भारत में चुनाव के पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा जरूरी नहीं है। जर्मनी में सभी दलों को चांसलर कैंडिडेट का नाम बताना जरूरी है। इसी के नाम और चेहरे पर चुनाव लड़ा जाता है। अगर उसकी पार्टी या गठबंधन चुनाव जीत जाता है तो उसे बुंडेस्टाग (संसद का निचला सदन) में स्वयं के लिए बहुमत जुटाना होता है।
कैसे बनती है सरकार
अगर किसी पार्टी या गठबंधन को बहुमत हासिल हो जाता है तो कोई दिक्कत नहीं। फर्ज कीजिए कि अगर ऐसा नहीं होता तो चुनाव के बाद भी हमारे देश की तर्ज पर गठबंधन या समर्थन से सरकार बनाई जा सकती है। साझा कार्यक्रम तय होता है। इसकी जानकारी संसद को देनी जरूरी है। चुनाव के बाद 30 दिन के भीतर संसद की बैठक होती है।