रियाद/नई दिल्ली
सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान रविवार को भारत के दौरे पर नई दिल्ली पहुंच गए। सऊदी अरब के शीर्ष नेताओं में शुमार प्रिंस फैसल ऐसे समय पर भारत पहुंचे हैं जब अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के दमन का डर बढ़ता जा रहा है। भारत पहुंचते ही प्रिंस फैसल ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि तालिबान को आतंकियों और समावेशी सरकार पर अपने वादे को पूरा करना ही होगा। माना जा रहा है कि भारत और सऊदी अरब के बीच बातचीत का केंद्र बिन्दू तालिबान ही रह सकता है।
भारत के दो दिवसीय दौरे के दौरान प्रिंस फैसल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार के बाद किसी सऊदी नेता की भारत की पहली यात्रा है। तालिबान के कब्जे के बाद किसी सऊदी नेता की यह पहली भारत यात्रा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने प्रिंस फैसल से मुलाकात के बाद कहा, ‘हमारी अफगानिस्तान, खाड़ी देशों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर विचारों का बहुत प्रभावी आदान प्रदान हुआ है।’
कट्टर इस्लामिक शासन की ओर ही बढ़ रहा तालिबान
सऊदी अरब में भारत के राजदूत रह चुके तलमीज अहमद अरब न्यूज से कहते हैं, ‘सऊदी अरब और भारत की अफगानिस्तान के आतंकियों की शरणस्थली बनने को लेकर साझी चिंता है। अगर ऐसा होता है तो यह न केवल पड़ोसी देशों बल्कि पूरे विश्व के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह स्वाभाविक है कि दोनों ही नजदीकी भागीदार अफगानिस्तान पर चर्चा करेंगे। यह एक-दूसरे के बीच गहरे हुए संबंधों को दर्शाता है।’