फोर्ड के देश छोड़ने की वजह कामकाजी, कारोबारी माहौल से कोई लेना-देना नहीं

फोर्ड के देश छोड़ने की वजह कामकाजी, कारोबारी माहौल से कोई लेना-देना नहीं

इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बंद करने के फोर्ड मोटर कंपनी के फैसले से निवेश को लेकर विदेशियों के सेंटीमेंट पर कोई असर नहीं होगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी कंपनी ने देश छोड़ने का फैसला कामकाजी वजहों से किया है, उसका भारत में कारोबारी माहौल से कोई लेना-देना नहीं है।

फोर्ड ने सरकार से कोई मदद नहीं मांगी

सूत्र ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा कि फोर्ड ने देश छोड़ने के फैसले के बारे में सरकार को बता दिया है, लेकिन कंपनी ने कोई मदद नहीं मांगी है। उसने गुरुवार को कहा था कि वह भारत में बिक्री के लिए गाड़ियां बनाना तुरंत बंद कर रही है।

लगभग 4000 एंप्लॉयी प्रभावित होंगे

भारत में मैन्युफैक्चरिंग बंद करने के कंपनी के फैसले से लगभग 4000 एंप्लॉयी प्रभावित होंगे। वह 2021 की चौथी तिमाही तक गुजरात में अपनी असेंबली यूनिट बंद करने जा रही है। वह चेन्नई वाला इंजन मैन्युफैक्चरिंग प्लांट 2022 की दूसरी तिमाही तक बंद कर देगी।

अप्रैल से अगस्त तक 15,818 गाड़ियां बेचीं

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के डेटा के मुताबिक, अप्रैल से अगस्त के बीच फोर्ड ने 15,818 गाड़ियां बेची थीं। इसके अलावा होंडा मोटर्स की 33,103 और हुंडई मोटर की 2,09,407 गाड़ियां बिकी थीं।

जापानी और कोरियाई कॉम्पिटिशन से दबाव

सूत्र ने बताया, ‘घरेलू और विदेशी बाजारों में भारत की ऑटोमोबाइल ग्रोथ स्टोरी चल रही है। फोर्ड ने मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का फैसला जापानी और कोरियाई कंपनियों के कॉम्पिटिशन की वजह से लिया है। उसके जाने की वजह कामकाजी है। उसका भारतीय ऑटो सेक्टर या कारोबारी माहौल से कोई लेना-देना नहीं। उसकी बिक्री कोविड के चलते भी घटी।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *