तालिबान द्वारा काबुल में अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा के एक दिन बाद चीन ने अफगानिस्तान को 228 करोड़ रुपए (200 मिलियन युआन) की मदद देने की घोषणा की। चीन इसमें अनाज, कोरोनावायरस के टीके सहित अन्य राहत सामग्री अफगानिस्तान सरकार को मुहैया कराएगा। तालिबान को यह राशि और सामान दान के तौर पर दी जाएगी।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अफगान आतंकवादी समूह की अंतरिम सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि यह व्यवस्था बहाल करने और अराजकता समाप्त करने के लिए एक आवश्यक कदम है। इसे पहले आज ही अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा था कि चीन, पाकिस्तान समेत कई देश तालिबानी सरकार के करीब जाएंगे। उन्होंने इसे दिलचस्प बताया था।
अशरफ गनी बोले-पैसे लेकर नहीं भागा, जांच करवाने को तैयार
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर भागे पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी ने दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया है। गनी ने सोशल मीडिया पर बताया कि काबुल छोड़ना उनके जीवन का सबसे मुश्किल फैसला था। लेकिन देश के लोगों को बचाने और बंदूकों को शांत रखने के लिए यह जरूरी था। उन्होंने देश की जनता से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को तालिबान के काबुल में घुसने के बाद मेरे देश छोड़ने के बाद लोगों को इसके बारे में स्पष्टीकरण देना मेरा फर्ज है. गनी ने लिखा कि पैलेस की सुरक्षा कर रहे लोगों की सलाह पर मुझे जाना पड़ा वरना 1990 के गृह युद्ध जैसा मंजर सामने आ सकता था। गनी ने कहा कि मैं और मेरी पत्नी अपनी संपत्ति को लेकर ईमानदार हैं। मैंने अपनी संपत्ति के बारे में सार्वजनिक तौर पर जानकारी भी दी है।