महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर थप्पड़ वाला बयान देने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे गिरफ्तार हो चुके हैं। कभी बाला साहब ठाकरे के सबसे करीब रहे और प्रदेश के सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार राणे अब महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार यानी उद्धव ठाकरे के सबसे बड़े विरोधी माने जाते हैं।
मराठी और अंग्रेजी में प्रकाशित अपनी आत्मकथा ‘झंझावात’ में राणे ने जिक्र किया था कि वे उद्धव ठाकरे की वजह से ही वे 2005 में शिवसेना छोड़ने को मजबूर हुए थे। हालांकि, पार्टी छोड़ने के बावजूद बाला साहब ठाकरे ने उन्हें फोन कर पार्टी में वापस आने को कहा था।
राणे के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने बाला साहेब को धमकी दी थी कि यदि राणे को शिवसेना में रोका गया तो ‘मैं घर छोड़ कर चला जाऊंगा।’ अपनी आत्मकथा में राणे ने यह भी लिखा था कि उद्धव ठाकरे किस तरह से शिवसैनिकों को परेशान करते थे। यह एक बड़ी वजह है कि बाला साहब के निधन के बाद राणे खुल कर उद्धव ठाकरे के खिलाफ खड़े हो गए थे।
उद्धव का मानना था कि राणे तोड़ सकते हैं शिवसेना
बाला साहब के साथ कम कर चुके एक पॉलिटिकल एक्सपर्ट ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शिवसेना में नारायण राणे का कद दूसरे नंबर का था। वे आर्थिक रूप से काफी मजबूत हो चुके थे और उद्धव के चचेरे भाई यानी राज ठाकरे के बेहद करीब थे।