बच्चों में गैजेट का बढ़ता इस्तेमाल उनके दिमाग पर बुरा असर छोड़ रहा है। एक्सपर्ट कहते हैं, कोरोनाकाल में बच्चे एक दिन में करीब 8-10 घंटे गैजेट्स के साथ बिता रहे हैं, नतीजा इनके दिमाग की ब्रेन सेल्स डैमेज हो रही हैं। मोटापा बढ़ रहा है। नींद नहीं पूरी हो रही। इनका बिहेवियर हिंसक हो रहा है।
मुम्बई के मसीना हॉस्पिटल के कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. राज अगरबत्तीवाला कहते हैं, महामारी के कारण पेरेंट्स बच्चों को बाहर निकलने से तो बचा रहे हैं, लेकिन वो बच्चों को मोबाइल और टैबलेट खेलने के लिए दे रहे हैं। नतीजा, बच्चे घंटों उस पर समय बिता रहे हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की रिसर्च में भी हुई पुष्टि
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ ने 47 प्री-स्कूल ऐज वाले बच्चों पर रिसर्च की। ये 2 से 5 साल की उम्र वाले ऐसे बच्चे थे जिन्होंने अभी स्कूल जाना शुरू नहीं किया। ये गैजेट्स पर अधिक समय बिताते थे। इनके ब्रेन की स्कैनिंग की गई। रिपोर्ट में सामने आया कि इनके दिमाग के ग्रे-मैटर में नकारात्मक बदलाव दिखा। दिमाग का ये ग्रे मैटर बच्चों के सीखने की स्किल्स के लिए जिम्मेदार होता है।