नई दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 और जनंसख्या को लेकर भी बात की। मोदी ने कहा, “यह बात सही है कि अन्य देशों की तुलना में भारत में कम लोग संक्रमित हुए हैं। यह भी सही है कि बाकी देशों की जनसंख्या की तुलना में हम अधिकतम नागरिकों को बचा सके, मगर यह पीठ थपथपाने का विषय नहीं है, संतोष पाकर के सो जाने का विषय नहीं है। ये कहना कि कोई चुनौती नहीं थी। यह हमारे आने विकास के रास्तों को बंद करने वाली सोच बन जाएगी।” उन्होंने बाकी देशों से तुलना करते हुए कहा कि हमारे जहां जनसंख्या बहुत है।
‘हमारी जनसंख्या ज्यादा, जीवनशैली कुछ अलग’
पीएम मोदी ने कहा, “दुनिया के समृद्ध देशों की तुलना में हमारी व्यवस्थाएं कम हैं। और दूसरी तरफ हमारे यहां जनसंख्या भी बहुत है। विश्व की तुलना में बहुत जनसंख्या है और हमारी जीवनशैली कुछ अलग सी है। सामूहिक प्रयासों के बावजूद कितने ही लोगों को हम बचा नहीं पाए, कितने ही बच्चों के सिर पर कोई हाथ फेरने वाला चला गया, उसे दुलारने… उसकी जिद पूरी करने वाला चला गया। यह तकलीफ हमेशा साथ रहने वाली है।”
अगले 25 साल में नया भारत बनेगा: पीएम
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “हर देश की विकासयात्रा में एक समय ऐसा आता है, जब वो देश खुद को नए सिरे से परिभाषित करता है, खुद को नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ाता है। भारत की विकास यात्रा में भी आज वो समय आ गया है। यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा नए भारत के सृजन का अमृतकाल है। इस अमृतकाल में हमारे संकल्पों की सिद्धि, हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी।”
बंटवारे के दर्द को भी किया याद
पीएम मोदी ने देश के बंटवार का जिक्र करते हुए कहा कि यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है। उन्होंने कहा, “हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है। कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है। अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा।”
कोविड को लेकर पीएम ने कहा कि “प्रगति पथ पर बढ़ रहे हमारे देश के सामने, पूरी मानवजाति के सामने कोरोना का यह कालखंड बड़ी चुनौती के रूप में आया है। भारतवासियों ने संयम और धैर्य के साथ इस लड़ाई को लड़ा है।”