तालिबान 7 दिन में अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कंधार समेत 19 प्रांतों पर कब्जा कर चुका है। वहीं, तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले लोग भी अब सरेंडर करने लगे हैं। अफगानिस्तान के हेरात प्रांत के गर्वनर रहे इस्माइल खान इस वक्त तालिबान के कब्जे में हैं। वे तालिबान के खिलाफ लड़ने वाले प्रमुख लोगों में शामिल थे, लेकिन अब उन्होंने तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है।
बता दें, इस्माइल खान अफगानिस्तान में भारत के करीबी दोस्त थे। उन्होंने हेरात में भारत की मदद से बने सलमा बांध के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी। इस डैम का इनॉगरेशन 4 जून 2016 को किया गया था। ये हेरात के चिश्ती शरीफ जिले में स्थित हारी नदी पर बना है। बाद में इसका नाम सलमा डैम से बदलकर अफगानिस्तान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम कर दिया गया था। तालिबानियों ने इस डैम पर भी कब्जा कर लिया है।
कंधार एयरपोर्ट पर भी तालिबान का कब्जा, 4 हजार सैनिकों और कर्मचारियों का समपर्ण
तालिबान के एक सूत्र के मुताबिक जाबुल के गवर्नर हमीदुल्लाह तोखी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है। वहीं, कंधार शहर पर तालिबान के कब्जे के दौरान अफगान सुरक्षा बलों और काबुल प्रशासन के अधिकारियों ने यहां के एयरपोर्ट पर शरण ली थी। ये सुरक्षित ठिकाना माना जा रहा था। लेकिन आज कंधार एयरपोर्ट भी तालिबान के कब्जे में आ गया है।