टोक्यो। जापान में हाल ही में 7.5 (बाद में 7.6 से बदलकर) तीव्रता का भूकंप आया, जिसने सड़क, बिजली और मकानों को नुकसान पहुँचाया और 70 सेंटीमीटर तक सुनामी लहरें भी आईं। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने ऑफ द कोस्ट ऑफ होक्काइडो एंड सैनरिकु सबसीक्वेंट अर्थक्वेक एडवाइजरी नामक एक विशेष अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप के बाद सक्रिय होता है। इसका मतलब है कि अगले सात दिनों तक 8 या उससे ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप के आने की संभावना सामान्य से अधिक है, हालांकि इसकी कुल संभावना अभी भी कम है। यह महाभूकंप मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में सुनामी और झटकों का खतरा पैदा करेगा, जिससे जापान, रूस का सुदूर पूर्व और संभवतः अलास्का के कुछ हिस्से प्रभावित होगा।
भारत पर असर
जानकारी के अनुसार, भारत पर जापान के इस महाभूकंप का कोई खास असर होने की संभावना नहीं है। रिसर्चों से पता चलता है कि जापान-ट्रेंच प्रकार की घटनाओं से उत्पन्न ऊर्जा प्रशांत महासागर में केंद्रित होती है। हिंद महासागर और भारत