नई दिल्ली । भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई (BR Gawai )ने शनिवार को कहा कि संविधान(Constitution) की गारंटी होने के बावजूद देश में आज भी अनेक बच्चियां अपने मौलिक अधिकारों(fundamental rights) और जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं(Basic Requirements) से वंचित हैं और महिला जननांग विकृति जैसी हानिकारक प्रथाओं का सामना कर रही हैं। गवई ने यह टिप्पणी ‘बालिका सुरक्षा: एक सुरक्षित और सक्षम भारत की ओर’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय परामर्श के दौरान की। इसे न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अध्यक्षता वाली किशोर न्याय समिति ने आयोजित किया।
गौरतलब है कि FGM की वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (PIL) इस समय सुप्रीम कोर्ट की नौ-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष लंबित है। यही पीठ सबरीमाला मंदिर, पारसी अगियारी और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश से जुड़े भेदभावपूर्ण धार्मिक प्रथाओं पर भी सुनवाई कर रही है।