मिलावटी दवाओं पर सख्त कानून, लेकिन कार्रवाई में ढिलाई से बढ़ रहा खतरा

मिलावटी दवाओं पर सख्त कानून, लेकिन कार्रवाई में ढिलाई से बढ़ रहा खतरा

नई दिल्ली। कोल्ड्रिफ कफ सीरप से मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई बच्चों की मौत के बाद दवा में मिलावट के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो रही है। हालांकि, हकीकत यह है कि अधिकांश राज्यों में जांच और कार्रवाई बेहद सुस्त है। कहीं सैंपल जांच में देरी हो रही है तो कहीं दोषियों को सजा दिलाने में। आइए देखते हैं कुछ राज्यों में दवा कंपनियों पर कार्रवाई को लेकर क्या स्थिति है।

मध्य प्रदेश में दवाओं के सैंपलों की जांच के लिए वर्ष 2024 तक एकमात्र लैब भोपाल में थी, जिसकी क्षमता प्रतिवर्ष चार हजार सैंपल जांचने की है। इस वर्ष से इंदौर और जबलपुर में लैब प्रारंभहो गई हैं, जिनकी क्षमता प्रतिवर्ष एक-एक हजार है। प्रदेश में प्रति वर्ष सात हजार से अधिक सैंपल जांच के लिए आते हैं। वर्ष 2024 में जांच के लिए 7211 सैंपल भोपाल स्थित राज्य लैब में आ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *