नई दिल्ली,। भारतीय सेना आने वाले वर्षों में विश्व को अपनी अत्याधुनिक तकनीकी ताकत से चौंकाने वाली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ऐसे ह्यूमनॉइड रोबोट तैयार कर रहा है, जो युद्धक्षेत्र में सैनिकों की तरह काम कर सकेंगे और खतरनाक मिशनों में उनकी जान को जोखिम से बचाएंगे। आधिकारिक जानकारी अनुसार इस परियोजना पर पुणे स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (इंजीनियर्स) प्रयोगशाला काम कर रही है। इसका लक्ष्य 2027 तक भारतीय सेना को इन उन्नत रोबोटिक सैनिकों से लैस करना है।
बताया जा रहा है कि ये रोबोट मानव जैसी बनावट और गतिविधियों से लैस होंगे। ये जंगल, पहाड़ और रेगिस्तान जैसे कठिन इलाकों में तैनात किए जा सकेंगे। इनकी खासियत यह होगी कि ये विस्फोटक और खतरनाक सामग्रियों को संभालने के साथ ही निष्क्रिय करने, बाधाएं पार करने, दरवाजे व वाल्व खोलने जैसे जटिल कार्य आसानी से कर सकेंगे। इसके अलावा, ये इंसानों की तरह चलने, संतुलन बनाने और वस्तुओं को पकड़ने व लाने-लेजाने में सक्षम होंगे। रोबोट में अत्याधुनिक सेंसर और डेटा फ्यूजन तकनीक होगी, जिससे यह अपने आसपास के माहौल को समझ सकेगा। इसमें 24 डिग्री ऑफ फ्रीडम वाले हल्के हाथ लगाए जाएंगे, जिनसे यह खतरनाक सामग्रियों को सुरक्षित तरीके से नियंत्रित कर सकेगा। रोबोट में फॉल और पुश रिकवरी की क्षमता भी होगी, यानी गिरने या धक्का लगने पर यह खुद को संभाल सकेगा।
तकनीकी विशेषताएं
