सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर कर 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया है. कैप्टन अमित सिंह (एफआरएईएस) के नेतृत्व वाले विमानन सुरक्षा एनजीओ ‘कॉन्स्टिट्यूशन बाय सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन’’ की ओर से यह याचिका दायर की गई है.
याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि आधिकारिक जांच नागरिकों के जीवन, समानता और असल जानकारी तक पहुंच के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने 12 जुलाई को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दोनों इंजनों के ईंधन नियंत्रण स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण विमान की ऊंचाई में तत्काल कमी आ गई.
रिपोर्ट में छिपाई गई महत्वपूर्ण जानकारी
इसमें आरोप लगाया गया है कि रिपोर्ट में महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया गया है, जिसमें पूर्ण ‘डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर’ (डीएफडीआर) आउटपुट, ‘कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) ट्रांसक्रिप्ट’ और ‘इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग’ (ईएएफआर) डेटा शामिल हैं.
जनहित याचिका में प्रणालीगत विसंगतियों को कम करके आंकने और दुर्घटना के लिए समय