व्यापार: कंपनियों ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये इस साल अब तक 70,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड के नए फंड ऑफर (एनएफओ) भी निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। देश के बड़े फंड हाउसों एचडीएफसी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल और कोटक महिंद्रा सहित अन्य फंड हाउस लगातार नए फंड लॉन्च कर रहे हैं। हालांकि, फ्लेक्सीकैप की ओर ज्यादा रुख कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस स्कीम में ज्यादा रिटर्न मिला है। बाजार की गिरावट के बावजूद पिछले छह महीने में कुछ फंड हाउसों की स्कीम ने 8 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया है। द वेल्थ कंपनी म्यूचुअल फंड की सीआईओ (इक्विटी) अपर्णा शंकर कहती हैं, हमारा दर्शन अनुशासन और चपलता का मिश्रण है। हमारा लक्ष्य प्रबंधित जोखिम के साथ लगातार रिटर्न देना है, जैसा निवेश में होना चाहिए।
फ्लेक्सीकैप स्कीम में गहन जांच-पड़ताल
पारंपरिक म्यूचुअल फंड रणनीतियों के विपरीत द वेल्थ कंपनी निवेश से पहले गहन जांच पड़ताल करती है। इनमें प्रमुख रूप से प्रमोटर की मंशा, खतरों का शीघ्र पता लगाने के लिए फोरेंसिक और उचित कानूनी जांच पड़ताल व अन्य बातें शामिल हैं। इस फंड हाउस का भी फ्लेक्सीकैप एनएफओ है, जो 24 सितंबर को खुलकर 8 अक्तूबर को बंद होगा।
फ्लेक्सीकैप स्कीम मुख्य रूप से लार्ज, मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में निवेश कर अवसरों का लाभ उठाने के लिए बनाए जाते हैं। ये बुनियादी बातों, मूल्यांकन और बाहरी वास्तविकताओं के आधार पर बाजार पूंजीकरण में डायनैमिक रूप से आवंटन के लिए बनाए जाते हैं।
आए 9,000 करोड़, रिटर्न 10 फीसदी से ज्यादा