अमेरिका के 50% टैरिफ से निपटने और निर्यातकों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार 50 देशों में निर्यात बढ़ाने की तैयारी कर रही है। निर्यात में विविधता लाने के लिए इन देशों को प्राथमिक बाजार के तौर पर चुना गया है। ये देश मिडिल ईस्ट, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, यूरोप व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फैले हुए हैं। भारत के कुल निर्यात में इन देशों की हिस्सेदारी करीब 90% है। वाणिज्य मंत्रालय पहले से ही 20 देशों में निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। अब इस रणनीति में 30 और देशों को शामिल किया गया है। इससे न सिर्फ निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि अमेरिका से होने वाले नुकसान की भरपाई भी होगी।
क्या है सरकार की प्लानिंग?
वाणिज्य मंत्रालय में लगातार मीटिंग्स हो रही हैं, जिसमें अलग- अलग मंत्रालयों और इंडस्ट्री बॉडी के अधिकारी मिलकर यह तय कर रहे हैं कि किस प्रोडक्ट की किस देश में सबसे ज्यादा डिमांड है और वहां तक माल पहुंचाने का सबसे तेज तरीका क्या होगा। इंजीनियरिंग गुड्स के लिए मकाऊ, जॉर्जिया, नॉर्वे, ग्रीस जैसे नए टारगेट हैं, जबकि फूड-एग्रीकल्चर के लिए नाइजीरिया, ब्राजील, कनाडा स्विट्जरलैंड व मेक्सिको फोकस में होंगे। कपड़ा के लिए यूके, कनाडा ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, लैटिन अमरीका के उभरते बाजार बड़ी उम्मीद हैं। सरकार घरेलू उद्योगों को कई तरह का समर्थन देने की योजना भी बना रही है।