रूस के पास महासागरों में अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात

रूस के पास महासागरों में अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात

मॉस्को। रूसी सांसद ने दावा किया है कि रूस के पास वर्तमान में दुनिया के महासागरों में अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात हैं। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में भेजने की बात कही थी। ट्रंप का यह बयान पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की टिप्पणी के बाद आया था। प्रवासी संबंध समिति के उपाध्यक्ष ने कहा कि ट्रंप ने जिन जहाजों को उपयुक्त क्षेत्रों में भेजने का आदेश दिया, वे पहले से ही नियंत्रण में हैं। मॉस्को को ट्रंप की बातों पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट में वोडोलात्स्की के हवाले से कहा है कि दुनिया के महासागरों में हमारी (न्यूक्लियर) पनडुब्बियां काफी ज्यादा हैं, सबसे मजबूत, सबसे शक्तिशाली हथियार हैं। इसलिए ट्रंप की दो नाव अगर घूम भी रही हैं, तो वह लंबे समय से हमारी निगरानी में हैं। हम अच्छी तरह समझते हैं कि ट्रंप कौन हैं। बीते कुछ महीनों में यह साफ हो गया है कि वह हर 24 घंटे में अपने बयान बदलते रहते हैं।
पूर्व रूसी राष्ट्रपति और वर्तमान में रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के बयान के बाद ट्रंप ने ट्रुथ पर लिखा- दिमित्री मेदवेदेव के भड़काऊ बयानों को मद्देनजर रखते हुए, मैंने दो परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया है। एहतियात के तौर पर इस स्थिति में यह मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ बयान सिर्फ शब्द न होकर कुछ और साबित हों। शब्द बहुत अहम होते हैं। यह कई बार अनचाहे परिणामों की ओर ले जा सकते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह ऐसा कोई मामला नहीं बनेगा। इस विषय पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।
हालांकि, ट्रंप ने यह साफ नहीं कहा कि कौन-सी पनडुब्बियां भेजी गई हैं, या उन्हें कहां तैनात किया गया है। इस बीच वोडोलात्स्की ने कहा कि अमेरिका के लिए यह कहीं अधिक तर्कसंगत होगा कि वह वर्तमान प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करे, जिनमें रूस-अमेरिका वार्ताकार समूहों का गठन और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की आपसी यात्राएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ एक मुख्य समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम होना चाहिए, जिसे रूस और अमेरिका के बीच संपन्न किया जाए, ताकि पूरी दुनिया में शांति कायम हो सके और तीसरे विश्व युद्ध की आशंका पर बातें करना बंद कर दे।
बता दें यह विवाद तब शुरू हुआ जब इस हफ्ते की शुरुआत में मेदवेदेव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ट्रंप का हर नया अल्टीमेटम अमेरिका और रूस के बीच एक खतरा और युद्ध की ओर एक कदम है। मेदवेदेव की यह टिप्पणियां ट्रंप की ओर से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्षविराम की समयसीमा को 50 दिनों से घटाकर 10 दिन करने के जवाब में आई थी। यह नई डेडलाइन अगले हफ्ते खत्म हो रही है। एक्स पर मेदवेदेव ने लिखा- ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम वाला खेल खेल रहे हैं। 50 दिन या 10… उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए। पहली बात रूस न तो इजराइल है और न ही ईरान। दूसरी बात, हर नया अल्टीमेटम एक धमकी है और युद्ध की ओर एक और कदम। यूक्रेन से नहीं, बल्कि उनके अपने देश से युद्ध की ओर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *