आचार्य विद्यासागर जी अपने जीवन काल में ही देवता के रूप में स्वीकारे जाने लगे थे
तप, त्याग, सेवा, संयम, समर्पण जैसे शब्द विद्यासागर जी के व्यक्तित्व के सम्मुख छोटे लगते हैं
मुख्यमंत्री ने विद्यासागर जी महाराज के जीवन और कृतित्व पर आधारित 25 पुस्तकों का विमोचन किया
मुख्यमंत्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति दिवस पर किया संबोधित
भोपाल :
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की स्मृति में भोपाल में स्मृति स्थल विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यासागर जी महाराज के प्रथम समाधि स्मृति दिवस पर विधानसभा परिसर में आयोजित गुरु गुणानुवाद सभा में गुरु वंदना कर अतिशय पुण्य अर्जित करने पधारे समर्पित भक्तों का राज्य शासन की ओर से अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि आचार्य विद्यासागर जी ने अपने जीवन में सभी आवश्यक नियमों का पालन किया। संत परंपरा का अनुसरण करते हुए उनके प्रकृति के साथ संबंध, जीवन शैली, मानव सेवा और समाज को मार्गदर्शन के माध्यम से वे अपने जीवन काल में ही देवता के रूप में स्वीकारे जाने लगे। व्यक्तिगत जीवन में तप, संयम, त्याग, सेवा, समर्पण जैसे शब्द उनके व्यक्तित्व के सम्मुख छोटे पड़ जाते हैं।
कार्यक्रम में सांसद भोपाल श्री आलोक शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक श्री भगवानदास सबनानी, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री ए.पी. सिंह, जनप्रतिनिधि श्री राहुल कोठारी तथा जैन समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाजबंधु उपस्थित थे।