अन्तर्राज्यीय छात्र जीवन दर्शन यात्रा पर आये पूर्वोत्तर के छात्रों का प्रदेश में हुआ आत्मीय स्वागत
मुख्यमंत्री से मिले राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा-2025 पर आए विद्यार्थी
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की संस्कृति अपनी अनूठी विविधता और समृद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न प्रांतों, वर्गों और भाषाओं के लोग सौहार्दपूर्वक निवास करते हैं। मध्यप्रदेश, देश के उस गौरवशाली इतिहास और संस्कृति का संवाहक है, जो देशभक्ति, राष्ट्र रक्षा और सम्मान के मूल्यों को संजोकर रखता है।
स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इन्टर-स्टेट लिविंग (SEIL) द्वारा सांस्कृतिक आदान-प्रदान की मंशा से आयोजित राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा -2025 पर आये पूर्वोत्तर राज्यों के छात्र दल का मध्यप्रदेश में आत्मीय स्वागत किया गया। यह यात्रा 22 जनवरी से प्रारंभ होकर 13 फरवरी तक जारी है, इसमें पूर्वोत्तर के विद्यार्थी देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों के विद्यार्थियों का यह दल 1 से 5 फरवरी तक मध्यप्रदेश के भ्रमण पर है। इस छात्र दल ने सोमवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव से मुख्यमंत्री निवास पर सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विद्यार्थियों के अनुभव सुने, उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया और उन्हें मध्यप्रदेश की सदभाव और समरसता से भरपूर संस्कृति से परिचित कराया। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों का देश का हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में स्वागत करते हुए शुभकामनाएं दी। भोपाल अपनी झीलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। यह देश की ऐसी अनूठी राजधानी है, जहां रात के समय बाघ भी सड़क किनारे दिखाई दे सकते हैं, क्योंकि रातापानी वन अभयारण्य भोपाल शहर के समीप ही स्थित है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को जनजातीय संग्रहालय, मानव संग्रहालय, वन विहार और अन्य पर्यटन स्थल जरूर देखने का सुझाव दिया।