भोपाल । लंबी जद्दोजहद के बीच आखिर दो दिन में भाजपा ने 20 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। माना जा रहा है कि करीब एक दर्जन जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा आज भी की जाएगी। अब तक घोषित जिलाध्यक्षों में पार्टी के नेताओं की पसंद- नापसंद को पूरा ख्याल रखा गया है। इसकी वजह से पार्टी की गइड लाइन को भी किनारे कर दिया गया है। अहम बात यह है कि 20 नामों में कांग्रेस से दलबदलकर आए दो नेताओं को भी भाजपा ने जिले की कमान सौंपी है। इसके अलावा महिला कार्यकर्ताओं को भी संगठन इस बार जिले में काम करने का मौका दे रहा है।भोपाल में इस बार जिलाध्यक्ष पद पर पार्षद रविन्द्र यति को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। उन्हें प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का करीबी माना जाता है। वे संगठन में कई पदों पर काम कर चुके हैं और उन्हें चुनावी प्रबंधन में माहिर माना जाता है। इसी तरह से जबलपुर शहर में मंत्री राकेश सिंह की पसंद को दरकिनार करते हुए सांसद आशीष दुबे की पसंद का ध्यान रखते हुए राजकुमार पटेल को अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पार्टी ने संदेश दे दिया है कि अब संगठन में नऐ चेहरों को मौका दिया जाएगा। उधर, सबसे चौकाने वाला नाम है जसवंत जाटव का। उन्हें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद के चलते जिले की कमान सौंपी गई है। वे कुछ समय पहले ही कांग्रेस को छोडकऱ भाजपा में शामिल हुए थे। वे विधायक रह चुके हैं , लेकिन उपचुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया था। जसवंत के मामले में पार्टी द्वारा तय छह साल की सक्रिय सदस्यता की गाइड लाइन का भी पालन नहीं किया गया है। इसी तरह से अशोक नगर में भी सिधिंया की पसंद को महत्व देते हुए उनके एक और समर्थक आलोक तिवारी को अध्यक्ष बनाया गया है। अब तक घोषित नामों में श्योपुर में नरेन्द्र सिंह तोमर के करीबी शशांक भूषण को जिलाध्यक्ष पद सौंपा गया है। अब तक जिन जिलों अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं ,उनमें एक जिले की कमान महिला कार्यकर्ता को भी सौंपी जा चुकी है। इसमें वंदना खंडेलवाल को नीमच का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। वे अभी नीमच जिला उपाध्यक्ष हैं। नगर पालिका में राजस्व समिति सभापति हैं। उनका नाम विधायक दिलीप सिंह परिहार ने आगे बढ़ाया था। वंदना आरएसएस से ताल्लुक रखती हैं। संगठन सूत्रों का कहना है कि अभी करीब आधा दर्जन महिलाओं के और नाम दूसरे जिलों में अध्यक्ष पद के लिए लगभग तय किए जा चुके हैं। उनके नामों की घोषणा भी एक दो दिन में कर दी जाएगी। इनमें सागर ग्रामीण, नरसिंहपुर और बालाघाट जैसे जिले भी शामिल हैं।