भारत के बाद अब अमेरिका में भी फेमस चाइनीज शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक पर बैन लगने वाला है। कोर्ट ने टिकटॉक को 19 जनवरी तक अपनी पेरेंट कंपनी बाइटडांस से नाता तोड़ने या प्रतिबंधित होने का विकल्प दिया है। दरअसल यूएस की एक फेडरल कोर्ट ने शुक्रवार को टिक टॉक की ‘फ्री स्पीच’ से जुड़ी अपील खारिज कर दी है। बाइटडांस के आरोपों को नकारते हुए जजों ने कहा कि अमेरिका का कोई भी कानून ‘फ्री स्पीच’ को नहीं रोकता है।
क्या है मामला?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने टिक टॉक को यूजर प्राइवेसी के लिए खतरा बता कर इसे बैन करने का कानून बनाया था। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने इसे 79-18 वोटों से पास भी किया, और 24 अप्रैल को बाइडेन ने इस पर हस्ताक्षर कर बाइटडांस को 9 महीने में अपनी हिस्सेदारी बेचने का आदेश दिया। साथ ही टिक टॉक के सीईओ शॉ जी च्यू ने इसे फ्री स्पीच के खिलाफ बताते हुए कोर्ट में याचिका भी दायर की, लेकिन फेडरल कोर्ट से उन्हें मंजूरी नहीं मिली।
न्यायाधीश डगलस गिन्सबर्ग ने अपने फैसले में कहा, “अमेरिका में फ्री स्पीच की रक्षा के लिए पहला संविधान संशोधन है। सरकार ने दुश्मन देशों से फ्री स्पीच की रक्षा की है और विरोधी देशों को अमेरिकी डेटा इकट्ठा करने से रोका है।”