क्रांति सूर्य भगवान बिरसा मुंडा का शौर्य एवं पराक्रम से समृद्ध अल्पायु जीवन है प्रेरक एवं अनुकरणीय
एमएलबी कन्या महाविद्यालय भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित हुआ पुष्पांजलि कार्यक्रम
भोपाल : भगवान बिरसा मुंडा शौर्य एवं पराक्रम के प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल अंग्रेजों की पराधीनता के विरुद्ध स्वतंत्रता के संघर्ष का शंखनाद किया बल्कि समाज को संगठित कर राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले स्वाधीनता सेनानी तैयार किए। भगवान बिरसा मुंडा ने समाज की बुराइयों पर नियंत्रण एवं सुधार के लिए भी अपना योगदान दिया। जिसने अपने मात्र 25 वर्ष के जीवन में देश के लिए बलिदान देकर राष्ट्र रक्षा के संकल्प लिया और उसके लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए, राष्ट्र के ऐसे क्रान्तिसूर्य के शौर्य एवं पराक्रम पर सभी को गर्व करने की आवश्यकता है। यह बात उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री श्री इन्दर सिंह परमार ने शुक्रवार को भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती पर मनाए जा रहे “जनजातीय गौरव दिवस” के उपलक्ष्य पर भोपाल स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में आयोजित “पुष्पांजलि कार्यक्रम” में कही। श्री परमार ने उलगुलान के उद्घोषक और धरती आबा कहे जाने वाले जनजातीय गौरव भगवान बिरसा मुंडा जी के छायाचित्र पर पीत अंगवस्त्र ओढ़ाकर, पुष्पांजलि अर्पित की। श्री परमार ने सभी को भगवान बिरसा मुंडा जी की जन्म जयंती की शुभकामनाएं एवं बधाई दीं। श्री परमार ने कहा भगवान बिरसा मुंडा का शौर्य एवं पराक्रम से समृद्ध अल्पायु जीवन, प्रेरणादायक एवं अनुकरणीय है। श्री परमार ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस, यह जनजातीय समाज के गौरव का दिवस नहीं बल्कि हम सभी के लिए गौरव करने का अवसर है। श्री परमार ने भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से जुड़े प्रसंगों का उल्लेख करते हुए उनके दूरदर्शितापूर्ण दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।