बच्चों को ऊर्जा बचत की सीख और संस्कार बचपन से ही दें : मंगुभाई पटेल

बच्चों को ऊर्जा बचत की सीख और संस्कार बचपन से ही दें : मंगुभाई पटेल


राज्यपाल ऊर्जा संरक्षण पर आयोजित राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में हुए शामिल
सुभाष भवन में प्रतिभागियों को प्रदान किए पुरस्कार

भोपाल : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि ऊर्जा की बचत ही ऊर्जा का उत्पादन है। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को ऊर्जा बचत की सीख और संस्कार बचपन से ही दिया जाए। उन्हें ऊर्जा की भावी ज़रूरतों और महत्व के प्रति जागरूक बनाएं। राज्यपाल श्री पटेल ऊर्जा संरक्षण पर आधारित, राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह, भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के तत्वाधान में भोपाल के सुभाष भवन में आयोजित किया गया था।

राज्यपाल श्री पटेल ने दो श्रेणियों में आयोजित, राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने विजेता प्रतिभागियों को राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता में चयन के लिए बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। श्री पटेल ने इस अवसर पर प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों का भी सम्मान किया। उन्होंने NHDC को विगत 19 वर्षों से उर्जा संरक्षण की जागरूकता के लिए प्रतियोगिता के सतत् आयोजन की बधाई दी।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि बच्चों की कल्पनाशीलता और सृजनशीलता प्रकृति का अनुपम उपहार है। ऊर्जा बचत और संरक्षण पर बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र, उनके अंतर्मन की अभिव्यक्ति है। राज्यपाल श्री पटेल ने उपस्थित जनों से अपील की कि वे चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन ज़रूर करें और बाल कलाकारों के भावों की अभिव्यक्ति को सराहें। उन्होंने बच्चों से कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए चित्रों का सृजन करते हुए, ऊर्जा बचत के जो सच्चे भाव आपके अंतर्मन में आए थे, उन भावों को हमेशा जीवंत रखें और उनका आजीवन अनुसरण करने का प्रयास करें।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि ऊर्जा के संसाधन, प्रकृति द्वारा मानव को दिए गए अमूल्य उपहार हैं। इनका ज़रूरत और विवेक अनुसार उपयोग करना चाहिए। हम सभी को ऊर्जा के साधनों के साथ पानी की बचत और महत्व को भी समझना होगा। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जिन क्षेत्रों में बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है, वहां की जनता की समस्याओं का विचार करें, और सहानुभूति का भाव रखते हुए ऊर्जा, पानी और अन्य प्राकृतिक साधनों का विवेक से उपयोग करें। उन्होंने बच्चों को समझाइश दी कि बचत की अच्छी आदतों को विकसित करें।

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