भारत में बेंचमार्क शेयर सूचकांक लगातार पांचवें दिन गिरकर कई महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गए। यह गिरावट कई कारकों के कारण हुई, जिसमें अपेक्षाकृत कमजोर दूसरी तिमाही की आय, विदेशी निवेशकों की ओर से निरंतर और बढ़ती घरेलू मुद्रास्फीति शामिल है। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 430.45 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स में सवा फीसदी की गिरावट
सेंसेक्स 984 अंक या 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,691 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 324 अंक या 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,559 अंक पर बंद हुआ। सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। दलाल स्ट्रीट पर हर गुजरते दिन के साथ मंदी का शोर बढ़ता जा रहा है क्योंकि निफ्टी अब अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 26,277 से 10% नीचे आ गया है। वहीं, सेंसेक्स अपने शिखर से लगभग 8,300 अंक गंवा चुका है। जबकि मुख्य सूचकांक यदि शिखर से 20% नीचे गिरते हैं तो उन्हें मंदी की गिरफ्त में माना जाता है।
खुदरा निवेशकों के पोर्टफोलियो में पहले से ही मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाले 900 से अधिक शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से कम से कम 20% नीचे हैं।