बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल कांजी हाऊस में नहीं गौ-शालाओं में होंगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

बूढ़ी और अपाहिज गायों की देखभाल कांजी हाऊस में नहीं गौ-शालाओं में होंगी : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


10 या अधिक गायें पालन करने वालों को दिया जायेगा अनुदान
गौवध के दोषियों को मिलेगा 7 वर्ष का सख्त कारावास
गौ-वंश पालकों को भी दिये जायेंगे क्रेडिट कार्ड
गौ-वंश के बेहतर आहार के लिये प्रति गौ-वंश की राशि की जायेगी दोगुनी
अगली पशु गणना में प्रदेश को तीसरे से नम्बर वन बनाएंगे
प्रदेश में गौ-वंश संरक्षण के लिये हो रहे विशेष प्रयास
दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को लाएंगे पहले स्थान पर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह को किया संबोधित

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश में गौ-पालन को बढ़ावा देकर किसानों और गौ-पालकों की आर्थिक सशक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है। शहरों में कांजी हाऊस के स्थान पर गौ-वंश की देशभाल के लिए गौशालाएं प्रारंभ की जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के 51 हजार से अधिक ग्रामों में दूध का उत्पादन बढ़ाते हुए इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश को पूरे देश में प्रथम स्थान पर लाने का प्रयास है। इसके साथ ही अगली पशुगणना में प्रदेश पहले तीसरे स्थान से पहले स्थान पर लाने के के समस्त प्रयास भी किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गौ-वंश पालन पर क्रेडिट कार्ड देने की पहल की गई है। हमारे किसान भाई और पशुपालक दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा करते हैं। प्रदेश में पहली बार शासन स्तर पर गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति और गौ-माता के प्रति सम्मान की भावना को सशक्त करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को रवींद्र भवन परिसर भोपाल में राज्य स्तरीय गोवर्धन पूजा समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उपस्थित नागरिकों को गोवर्धन पूजा की बधाई दी। प्रारंभ में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रवींद्र बहिरंग मंच पर गोवर्धन पूजा समारोह का दीप जलाकर शुभारंभ किया।

दुग्ध सहकारिता क्षेत्र में लौह पुरूष सरदार पटेल के योगदान का किया स्मरण

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड से अनुबंध कर प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल ने दुग्ध सहकारिता आंदोलन को गति दी थी। आज “अमूल” के उत्पाद देश-विदेश में लोकप्रिय हैं। मध्यप्रदेश में गुजरात पैटर्न पर दुग्ध सहकारिता क्षेत्र में किसानों और पशुपालकों की सहायता के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दूध, घी और मक्खन के साथ गौ-काष्ठ का भी उपयोग हो रहा है। गोबर से खिलौने और कलाकृतियां तैयार की जा रही हैं। प्रदेश सरकार गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए गौ-शाला को प्रति गाय 20 रुपये के स्थान पर 40 रुपये के अनुदान का निर्णय ले चुकी है। जो पशुपालक 10 या उससे अधिक गायों का पालन करेंगे उन्हें भी विशेष अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत उत्पादन हो रहा है, जिसे 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। सभी गाँव में दुग्ध संघ के माध्यम से गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। प्रारंभ में 11 हजार गाँव में दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि का प्रयास है। प्रदेश में इस वर्ष गौ-वंश रक्षा पर्व मनाया जा रहा है।

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