प्रधानमंत्री श्री मोदी का तीव्र विकास का संकल्प पूरा करने कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
अंतर्राज्यीय केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाएं से तीव्र होगी विकास की रफ्तार
रवीन्द्र सभागम में मध्यप्रदेश के 69 वें स्थापना दिवस का हुआ आयोजन
पार्श्व गायक अंकित तिवारी के गीतों की हुई प्रस्तुति
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि आम नागरिकों के कल्याण में राज्यों की सीमा बाधा नहीं बनना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी यही संकल्प है। उन्होंने प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिये महत्वपूर्ण केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना के लिए समाधान का मार्ग प्रशस्त किया। अंतर्राज्यीय केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना भारत की प्रथम नदी जोड़ो परियोजना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के मध्य 20 वर्ष से पार्वती चंबल कालीसिंध परियोजना की स्वीकृति के लंबित मामलों में अब स्वीकृति हो गई है। केंद्र सरकार द्वारा दी गई इन मंजूरियों से प्रदेश के बड़े अंचल में विकास की गति तीव्र हो जाएगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी के तीव्र विकास का संकल्प पूरा करने में मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। केन-बेतवा परियोजना से बुंदेलखंड में सिंचाई और पानी की सुविधा व्यापक स्तर पर नागरिकों और किसानों को मिलेगी। यह परियोजना एक इतिहास रचने का कार्य करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज रवींद्र सभागम में मध्यप्रदेश के 69 वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्थापना वर्ष 1956 से लेकर अब तक एक लंबी यात्रा तय हुई है। इस वर्ष राज्योत्सव और दीपोत्सव एक साथ आए हैं। प्रदेश में चार दिन का स्थापना दिवस समारोह और 5 दिन का दीपोत्सव हो रहा है। मध्यप्रदेश इस मामले में सौभाग्यशाली है कि यहॉ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने चित्रकूट में सर्वाधिक समय व्यतीत किया। भगवान श्रीकृष्ण ने भी मध्यप्रदेश की धरती पर उज्जैन आकर शिक्षा ग्रहण की। मध्यप्रदेश पर प्रकृति का भी वरदान है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हिमालय से गंगा के उद्गम और अन्य नदियों की जल राशि को देखें तो उससे कहीं अधिक जल राशि नर्मदा के साथ सोन, चंबल, ताप्ती आदि से प्रवाहित होती है। मध्यप्रदेश नदियों के मायके की तरह है। यह देश के लिए अजूबा और वरदान दोनों है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा प्रदेश में खनिजों की प्रचुरता है। प्रदेश में 55 जिलों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण होगा। जिलों की सीमाओं के साथ ही संभागों की सीमा भी बदलेंगे। प्रदेश में 68 वर्ष में पुनर्गठन संबंधी कार्य इस स्तर पर नहीं हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार विकास के मामले में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।