भारत का फाइनेंशियल गेट-वे बनी गांधीनगर की गिफ्ट सिटी

भारत का फाइनेंशियल गेट-वे बनी गांधीनगर की गिफ्ट सिटी

गांधीनगर| प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 23 वर्षों की संकल्प सिद्धि को जन-जन के बीच उजागर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात में ‘विकास सप्ताह’ का जश्न मनाया जा रहा है। गुजरात आज देश के मॉडल स्टेट के रूप में उभर चुका है और मौजूदा प्रधानमंत्री एवं गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट गांधीनगर स्थित गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) ‘विकसित भारत@2047’ के स्वप्न को साकार करने में अहम भूमिका अदा कर रहा है। गिफ्ट सिटी का निर्माण अहमदाबाद और गुजरात की राजधानी गांधीनगर के बीच साबरमती नदी के तट पर किया गया है। गुजरात सरकार की पहल और भारत सरकार के सहयोग से तैयार गिफ्ट सिटी को भारत की पहली ऑपरेशनल स्मार्ट सिटी और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मार्गदर्शन में 2007 में गिफ्ट सिटी की परिकल्पना की गई थी। वैश्विक स्तर पर वित्तीय रूप से समृद्ध न्यूयॉर्क, लंदन, टोक्यो, पेरिस, सिंगापुर और दुबई जैसे देशों की तर्ज पर भारत को भी एक वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए गिफ्ट सिटी का निर्माण किया गया है। वर्तमान में गांधीनगर में 886 एकड़ क्षेत्र में फैली गिफ्ट सिटी को विश्व स्तरीय वाणिज्यिक, रिहायशी और सामाजिक सुविधाओं के साथ एक सुनियोजित और प्रौद्योगिकी-सक्षम स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। मल्टी-सर्विस स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) में स्थित गिफ्ट सिटी में भारत का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) और डोमेस्टिक टैरिफ एरिया है। वर्तमान में गिफ्ट सिटी में लगभग 20 इमारतों में कामकाज जारी है तथा अन्य प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। गिफ्ट सिटी की लोकप्रियता और गुजरात सरकार की प्रोत्साहक नीतियों के कारण यहां विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां कारोबार के लिए आ रही हैं। इसके परिणामस्वरूप गिफ्ट सिटी में 700 से अधिक कारोबारी संस्थानों के कार्यालय खुल चुके हैं और इससे प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से अनुमानित 25,000 रोजगार का सृजन हुआ है।

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