चुनाव के वक्त नेता जनता का समर्थन पाने के लिए खूब सारे वादे करते हैं। भोली-भाली जनता नेता से ये नहीं पूछती है कि आप वादों को पूरा कैसे करेंगे और उन्हें चुन लेती है। चुनाव परिणाम आने के बाद जब जनता वादों को पूरा करने के लिए नेता जी को खोजती हैं तो वो गायब हो जाते हैं। चलिए उदहारण से समझते हैं- लोकसभा चुनाव 2024 के लिए जब प्रचार चल रहा था तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश की जनता से वादा किया था कि अगर कांग्रेस पार्टी जीतती है तो महिलाओं को 8,500 रुपए प्रति महीने देगी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने घूम-घूमकर इसका प्रचार किया, पर्चे बांटे। लोगों ने राहुल गांधी के बातों पर विश्वास किया और परिणाम यह हुआ कि पार्टी 54 सीटों से 99 सीटों तक पहुंच गयी। इसके बाद महिलाएं पर्चे लेकर कांग्रेसी नेताओं को खोजने लगी। कुछ इसी तरह का वादा हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त भी किया गया था। कांग्रेस पार्टी जीत गयी, सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम बन गए लेकिन वादे अधूरे रह गए और राज्य की आर्थिक स्थिति ख़राब हो गयी।
