पेरिस ने जो सिखाया, याद रखना होगा… ओलंपिक की मेजबानी के बजाय पदक बढ़ाने पर देना चाहिए ध्यान

पेरिस ने जो सिखाया, याद रखना होगा… ओलंपिक की मेजबानी के बजाय पदक बढ़ाने पर देना चाहिए ध्यान

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में भारत से दहाई अंकों में मेडल जीतने की उम्मीद थी। हमारे पास 117 खिलाड़ी थे, जिनमें से कई दुनिया के टॉप ऐथलीट थे। इसलिए ये उम्मीदें जायज थीं। लेकिन, हकीकत में परिणाम उतना अच्छा नहीं रहा, जितना सोचा गया था। सबसे बड़ी निराशा यह रही कि भारत पेरिस ओलंपिक में एक भी गोल्ड मेडल नहीं जीत पाया।

विनेश फोगाट वाले मामले ने इस तकलीफ को और बढ़ा दिया है। युई सुसाकी जैसी महान खिलाड़ी को हराने के बाद विनेश गोल्ड के लिए सबसे मजबूत दावेदार थीं, लेकिन आखिरी मैच से पहले जब उनका वजन हुआ तो वह 100 ग्राम अधिक निकला। इसलिए उन्हें मैच की खातिर अयोग्य घोषित कर दिया गया और गोल्ड का ख्वाब टूट गया।

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