मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को कहा है कि जनसेवा और जनकल्याण के भाव से शासकीय सेवा में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। स्वयं पर विश्वास रखें और कार्य को टालने की प्रवृत्ति को कभी हावी न होने दें। कार्य को टालना अक्षमता और स्वयं पर विश्वास की कमी का प्रतीक है। अतः अनुशासित रहते हुए सदैव अपनी दक्षता संवर्धन का प्रयास करते रहें और निर्भीक होकर जनहित को समर्पित रहें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रम-बेताल के प्रसंगों के माध्यम से प्रशासन व प्रबंधन के सूत्र अभ्यर्थियों से साझा किये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राज्य सेवाओं के अधिकारियों के लिए 110वें और 111वें संयुक्त आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को प्रशासन अकादमी सभागार में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, उद्घाटन सत्र का आरंभ अकादमी के संकल्प गान से हुआ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यक्तित्व को निखारने और अपने दायित्वों व कार्यों के दक्षतापूर्वक निर्वहन की क्षमता विकसित करने में प्रशिक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। प्रशिक्षण हमारी परिणाममूलक कार्य करने की योग्यता और क्षमता में वृद्धि में सहायक होता है। अत: आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम को गंभीरता से लेना आवश्यक है। यह कार्यक्रम अभ्यर्थियों को राज्य शासन के उद्देश्य, शासकीय सेवा की नियम प्रक्रियाओं और जनअपेक्षाओं का सिंहावलोकन प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अभ्यर्थियों को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में चयन के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।