शादी से पीछे हटने पर IPC की इस धारा के तहत होगी कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

शादी से पीछे हटने पर IPC की इस धारा के तहत होगी कार्रवाई, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और पी.बी. की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया। वराले ने कहा कि आईपीसी की धारा 417 के तहत दंडनीय धोखाधड़ी का अपराध गठित करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा यह साबित किया जाना चाहिए कि आरोपी की ओर से धोखा देने का इरादा शुरू से ही सही होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने शादी के लिए मना करने को लेकर एक फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह नहीं देखते कि वर्तमान अपीलकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 417 के तहत भी अपराध कैसे बनता है। विवाह प्रस्ताव शुरू करने और फिर शादी नहीं करने तक कई कारण हो सकते हैं। दरअसल, अभियोजन पक्ष के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, इसलिए धारा 417 के तहत कोई अपराध भी नहीं बनता है। उच्च न्यायालय के निष्कर्षों को पलटते हुए, जिसमें आईपीसी की धारा 417 के तहत आरोप को रद्द करने से इनकार कर दिया गया था, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और पी.बी. की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले को पलट दिया। वराले ने कहा कि आईपीसी की धारा 417 के तहत दंडनीय धोखाधड़ी का अपराध गठित करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा यह साबित किया जाना चाहिए कि आरोपी की ओर से धोखा देने का इरादा शुरू से ही सही होना चाहिए।

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