नई दिल्ली : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के ‘अल्पसंख्यक दर्जे’ का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। 7 जजों की पीठ में इसे लेकर मंगलवार को सुनवाई शुरू हुई और गुरुवार को सुनवाई का तीसरा दिन है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दलील दी है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक राष्ट्रीय संस्थान है, न कि अल्पसंख्यक संस्थान। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू से पूछा कि उसका अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा आखिर कैसे जायज है, ये समझाइए। शीर्ष अदालत ने इस बात का खास तौर पर जिक्र किया कि एएमयू की 180 सदस्यीय गवर्निंग काउंसिल में महज 37 मुस्लिम सदस्य हैं। आखिर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर क्यों है विवाद? कब-कब ये मसला अदालतों में गया और क्या फैसले आए? आइए इस 57 साल पुराने विवाद को सिलसिलेवार ढंग से समझने की कोशिश करते हैं।