एशियन गेम्स 2023 में बुधवार को शूटिंग इवेंट में भारतीय महिला शूटर ईशा सिंह ने मनु भाकर और रिदम सांगवान के साथ गोल्ड पर कब्जा किया है। सानिया मिर्जा और सानिया मिर्जा बनने का सपाना संजाने वाली ईशा आखिर शूटर कैसे बनी? आईये जानें।
एशियन गेम्स 2023 में बुधवार को शूटिंग इवेंट में भारतीय महिला खिलाडि़यों ने कमाल का प्रदर्शन किया है। 25 मीटर पिस्टल शूटिंग में ईशा सिंह ने मनु भाकर और रिदम सांगवान के साथ गोल्ड पर कब्जा किया है। देश के लिए टीम इंवेट में स्वर्ण जीतने वाली ईशा सिंह सुर्खियों में हैं। हैदराबाद की ईशा सिंह की फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। सानिया मिर्जा और साइना नेहवाल बनने का सपना संजाने वाली ईशा सिंह ने भी अपने खेल करियर में काफी संघर्ष किया है। आईये जानते हैं कैसे ईशा यहां तक पहुंच सकी हैं?
बता दें कि ईशा सिंह का जन्म 1 जनवरी 2005 को हैदराबाद के सिकंदराबाद में हुआ था। उनके पिता सचिन सिंह पहले रैली ड्राइवर थे और फिर स्पोर्ट्स शॉप चलाने लगे वहीं, मां श्रीलथा गृहणी हैं। पिता की स्पोर्ट्स शॉप के चलते पहले से ही उनका रुझान खेलों के प्रति कुछ ज्यादा ही था।