इसी साल नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है। उसके पहले घोषित व स्वीकृत कामों को पूरा करने के साथ ही नए कामों की स्वीकृति व चुनाव के पहले उसकी पूर्णता भी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। विशेषकर मुख्यमंत्री के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान की गई कई घोषणाएं आठ माह बाद भी अधूरी ही है। प्रशासन के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट-मुलाकात के दौरान की गई घोषणाओं पर अमल की है। सभी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय शुरू कराया जा चुका है। भवन निर्माण के लिए विभिन्न समाजों को राशि जारी की जा चुकी है। लाल बहादुर नगर को नगर पंचायत बनाने की घोषणा जरूर अधूरी है, लेकिन वहां तहसील कार्यालय खुल चुका है। डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम आलीवारा में किसान सुविधा केंद्र नहीं खुला है। इसी तरह ग्राम अर्जुनी में महाविद्यालय खोलने की घोषणा अधूरी है। डोंगरगांव में माटीकला, शिल्पकला के लिए ग्लेजिंग यूनिट की स्थापना को लेकर कोई काम नहीं हो सका है। मचानपार व बुद्धुभदरा में हाईस्कूल भवन निर्माण शुरू नहीं हो सका है।