कश्मीरी आतंकी यासीन मलिक शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ। कोर्ट में उसे देख जज नाराज हो गए। जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बैंच ने कहा कि हमने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था, जिसमें कहा गया हो कि उसे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना है। इसके मामले में वर्चुअली सुनवाई होगी।
टेरर फंडिंग केस में दोषी ठहराए जाने के बाद से यासीन तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। यासीन को आज जम्मू अदालत के आदेश के खिलाफ CBI की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था।
केस की सुनवाई कर रहे एक जज ने खुद को सुनवाई से अलग किया
यासीन के केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस दीपांकर दत्ता ने इस केस से खुद को अलग कर लिया है। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि इस केस की सुनवाई चार हफ्ते बाद की जाएगी। इसकी सुनवाई दूसरी बैंच करेगी, जस्टिस दत्ता उसके सदस्य नहीं होंगे।