केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (GSTN) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के दायरे में शामिल कर लिया है। इससे टैक्स चोरी और बिल में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकेगी।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार देर रात एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें बताया कि GST के तहत होने वाले अपराध जैसे फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट, फर्जी चालान आदि को PMLA एक्ट में शामिल किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से PMLA एक्ट के तहत GSTN से जानकारी मांगी जा सकेगी।
इसके साथ ही, GSTN उन संस्थाओं में से एक बन गया है, जिन्हें PMLA एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय ED और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के साथ जानकारी शेयर करना अनिवार्य है। जानकारों का मानना है कि फर्जी बिलिंग के माध्यम से कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। इससे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED को और अधिक अधिकार मिलेंगे।