कैश की तंगी से करीब दो महीने से बंद पड़ी एयरलाइन गो फर्स्ट (Go First) को लीज पर विमान देने वाली कंपनियों यानी लेसर्स को दिल्ली हाईकोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट की सिंगल जज बेंच ने लेसर्स को अपने 30 विमानों की निगरानी और मेंटेनेंस करने की परमिशन दे दी है।
कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम ऑर्डर जारी किया है। इसमें जस्टिस तारा वी गंजु ने कहा, ‘गो फर्स्ट के कर्मचारी, विमान लीज पर देने वाली कंपनियों की अनुमति के बिना विमानों से जुड़ा कोई काम नहीं करेंगे। ऑर्डर में यह भी कहा गया है कि विमान काफी महंगे और तकनीकी रूप से जटिल हैं, इनको नियमित तौर पर मेंटेमेंटेनेंस की जरूरत है।
बेंच ने कहा कि लेसर्स को रिट पिटीशन के फाइनल डिस्पोजल तक अंतरिम रखरखाव करने के लिए महीने में कम से कम दो बार अपने विमान तक एक्सेस मिलेगा। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन यानी DGCA और संबंधित एयरपोर्ट अथारिटीज ये एक्सेस देंगे।
हाई कोर्ट ने डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट्स से पूछा कि एयरलाइन के विमान कहां रखे गए हैं, ताकि अगले 3 दिनों में कंपनियां अपने विमानों तक पहुंच सकें। इस मामले की अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी।