नई संसद की आर्ट गैलरी में लगा अखंड भारत म्यूरल आर्ट विवादों में घिर गया है। पहले संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसकी फोटो ट्वीट करते हुए लिखा था- संकल्प स्पष्ट है। अब नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने इस पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि भारत अपनी मंशा जाहिर करे और हमें स्पष्टीकरण भेजे।
लुंबिनी बौद्धों का तीर्थ स्थल है। कपिलवस्तु शाक्य शासकों की राजधानी थी, जो भगवान बुद्ध की जन्मस्थली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन किया।
अब पढ़ें नेपाल के पूर्व PM भट्टराई ने क्या कहा…
नेपाल सोशलिस्ट पार्टी के नेता बाबूराम भट्टराई ने एक ट्वीट में चेतावनी दी है कि यह म्यूरल आर्ट भारत के पड़ोसी देशों के बीच गैरजरूरी और नुकसानदायक टकराव बढ़ा सकता है। इनके बीच पहले से ही आपसी संबंधों में विश्वास की कमी है, जो और बढ़ सकती है। इसलिए भारतीय राजनीतिक नेता अपनी मंशा स्पष्ट करें।