झीरम हमले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 25 मई को झीरम हमले की बरसी है। इस घटना को 10 साल बीत गए। अब तक सच बाहर नहीं आया। पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलने का अफसोस है। यह हमारे लिए भावनात्मक मामला है। पीड़ित परिवार को न्याय मिलना चाहिए। इधर नारायण चंदेल का कहना है कि, नक्सली जब हमला करे रहे थे। उस वक्त बाइक पर कौन था। शायद वो कांग्रेस का वरिष्ठ नेता आज मंत्री हैं। 25 मई 2013 को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में माओवादियों ने हमला किया था। जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई नेता मारे गए थे। ये एक ऐसी हिंसा थी जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया था। फिर भी जांच अब तक अधूरी है। झीरम हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल और बस्तर टाइगर कहे जाने वाले महेन्द्र कर्मा की मौत हुई थी।
इसके अलावा योगेंद्र शर्मा, उदय मुदलियार और प्रफुल्ल शुक्ला जैसे कांग्रेस नेताओं को भी इस नर-संहार में अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस घटना को सुपारी किलिंग से जोड़कर देखा जा रहा था।