गो फर्स्ट एयरलाइन को लीज पर विमान देने वाले कंपनियां यानी लेसर्स अपने विमान वापस नहीं ले पाएंगे। सोमवार को NCLAT यानी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ने NCLAT के आदेश को बरकरार रखा है। NCLT ने एयरलाइन को राहत देते हुए मोरेटोरियम की मांग को मान लिया था। मोरेटोरियम यानी लेनदार किसी भी लोन के मामले में कोई लीगल एक्शन नहीं ले सकते।
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कहा कि लेसर्स NCLT के समक्ष एयरक्राफ्ट की लीज को खत्म करने का दावा करने के लिए स्वतंत्र थे। लेसर्स ने कहा कि जब एनसीएलटी ने गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवाला याचिका को स्वीकार किया तब उन्हें ठीक से नहीं सुना गया। मोरेटोरियम के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में जाने वाले लेसर्स में एसएमबीसी एविएशन कैपिटल, जीवाई एविएशन, एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस बीवी शामिल है।
गो फर्स्ट के ऑपरेशन जारी रखने की अनुमति
अपीलेट ट्रिब्यूनल ने इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल अभिलाष लाल को एनसीएलटी के आदेश के अनुसार गो फर्स्ट के ऑपरेशन जारी रखने की भी अनुमति दी है। NCLT की दो सदस्यीय बेंच ने कर्ज में डूबी कंपनी को चलाने के लिए अभिलाष लाल को इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया था। वो एयरलाइन को रिवाइव करने के लिए मैनेजमेंट संभालेंगे।