प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में आदेश दिया है कि ज्ञानवापी में वजूखाने से मिले शिवलिंग का साइंटिफिक सर्वे करे एएसआई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अंजुमन इंतजामिया कमिटी के महाससिव ने कहा, दूध का दूध पानी का पानी होना ही चाहिए, हम आज भी कह रहे हैं कि वह शिवलिंग नहीं फव्वारा है।
वहीं श्रृंगार गौरी दर्शन मामले की मुख्य वादिनि राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह बिसेन ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शिवलिंग वाला परिसर सील है। ऐसे में जांच कैसे होगी लेकिन अगर शिवलिंग को बिना क्षति पहुंचाए जांच हो तो अपत्ति नहीं। इस तरह हाई कोर्ट के फैसले से सभी पक्ष सहमत लेकिन दावे वाले शिवलिंग की जगह सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सील है।